Tuesday 17 April 2012


तुमको  पाया  है  तो  जैसे  खोया  हूँ  


कहना  चहुँ  भी  तो  तुमसे  क्या  कहूँ 


किसी  जबा में  भी , वो लफ्ज़   ही  नहीं 

की  जिन  में  तुम  हो  क्या  तुम्हे  बात  सकूं 

मैं  अगर  कहूं  तुमसा  हसीं 
कायनात  में  नहीं  है  कहीं 
तारीफ ये   भी  तो , सच  है  कुछ  भी  नहीं 
तुमको  पाया  है  तो  जैसे   खोया  हूँ 

मैं अगर  कहूं  हमसफ़र  मेरी

  




























अप्सरा हो तुम,या कोई परी 
                                           
तारीफ ये भी  तो ,


सच  है  कुछ  भी  नहीं 
                                              तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ 

कहना चाहू   भी  तो  तुमसे  क्या कहूँ 

किसी जाबां में  भी,वोह लफ्ज़ ही नहीं 






की जिन में तुम हो क्या तुम्हे बात सकूं  
मैं अगर कहूं तुमसा हसीं 
कायनात में नहीं है कहीं 
तारीफ ये भी तो,सच है कुछ भी नहीं 


LOVE U : )







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